Indian Mango Export News 2025: भारत से अमेरिका भेजे गए Indian mangoes की 15 खेपों को US authorities ने हाल ही में अस्वीकार कर दिया। अमेरिका के कस्टम विभाग (CBP) ने दस्तावेजों में त्रुटियाँ (Documentation errors) बताकर भारतीय आमों को ठुकरा दिया है। इस घटना से भारतीय आम निर्यातकों को लगभग ₹4.3 करोड़ (लगभग $500,000) का बड़ा नुकसान हुआ है।
किस वजह से आमों की खेपें रोकी गईं?
- ये आम 8 और 9 मई को नवी मुंबई स्थित USDA-अनुमोदित विकिरण केंद्र में irradiation प्रक्रिया से गुजारे गए थे।
- यह प्रक्रिया अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के अधिकारी की निगरानी में पूरी हुई थी।
- इसके बाद संबंधित दस्तावेज PPQ203 फॉर्म भी जारी किया गया था।
- लेकिन अमेरिका के कस्टम विभाग (CBP) ने कहा कि दस्तावेज “गलत तरीके से जारी” हुए हैं।
- नतीजा – 15 खेपों को या तो वापस भेजने या वहीं नष्ट करने का आदेश दिया गया।
कितना हुआ नुकसान?
अमेरिका द्वारा भारत के आमों की 15 खेपों को अस्वीकार किए जाने से भारतीय आम निर्यातकों को लगभग ₹4.3 करोड़ (लगभग $500,000) का सीधा नुकसान हुआ है।
सभी आम US border पर ही रोक दिए गए और उन्हें नष्ट करना पड़ा क्योंकि आम नाशवंत फल होते हैं, जिन्हें लंबे समय तक स्टोर नहीं किया जा सकता। उन्हें वापस भारत लाने की लागत बहुत ज़्यादा होती। आम उच्च गुणवत्ता वाले थे और अमेरिका जैसे प्रीमियम बाजार के लिए तैयार किए गए थे।
इस तरह की घटना से न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि ब्रांड वैल्यू और भविष्य के ऑर्डर भी प्रभावित हो सकते हैं। इससे भारत को मौसमी आम निर्यात में बड़ा घाटा झेलना पड़ा।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर असर?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की बातचीत चल रही है। ऐसे में Indian mango export ban in USA जैसी घटनाएं दोनों देशों के बीच agricultural trade की पारदर्शिता पर सवाल उठाती हैं।