UP Contract Employee Salary Hike 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने संविदा और आउटसोर्सिंग के तहत काम करने वाले लाखों कर्मचारियों को राहत देते हुए उनके वेतन में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की है। अब तक ₹16,000 प्रति माह वेतन पाने वाले इन कर्मचारियों को अब न्यूनतम ₹20,000 प्रति माह मिलेगा। यह निर्णय 2025 के बजट सत्र के बाद लिया गया है और इसे आगामी महीनों में लागू किया जाएगा। सरकार का कहना है कि यह फैसला संविदा कर्मियों को स्थायित्व देने और उनके जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है।
यह बढ़ोतरी राज्य भर में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर, क्लर्क, कार्यालय सहायक, डेटा एंट्री ऑपरेटर, हेल्पर जैसे पदों पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों को लाभ पहुंचाएगी। साथ ही, इससे युवाओं को आउटसोर्सिंग के ज़रिए रोजगार पाने के लिए और प्रोत्साहन मिलेगा।
स्वास्थ्य सुरक्षा भी अब सरकार की ज़िम्मेदारी
सरकार ने वेतन बढ़ोतरी के साथ-साथ संविदा कर्मचारियों के लिए ₹5 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर भी घोषित किया है, जो मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना (CMJAY) के तहत लागू होगा। अब किसी भी मेडिकल इमरजेंसी में संविदा कर्मचारी और उनके परिवारजन निर्धारित अस्पतालों में कैशलेस इलाज प्राप्त कर सकेंगे।
इस बीमा सुविधा से न सिर्फ कर्मचारियों को मानसिक सुकून मिलेगा, बल्कि यह उनका मनोबल भी बढ़ाएगा। स्वास्थ्य बीमा कवर मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत आशा बहुओं और आंगनवाड़ी सेविकाओं को विशेष राहत मिलेगी, जिनके पास अब तक निजी बीमा योजनाओं का विकल्प नहीं था।
UPOSC की स्थापना: भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता
सरकार ने संविदा भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPOSC) का गठन किया है। यह एक गैर-लाभकारी संस्था होगी जो सभी सरकारी विभागों में आवश्यकतानुसार संविदा स्टाफ की नियुक्ति करेगी।
UPOSC के ज़रिए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को भविष्य में अनुभव के आधार पर स्थायी नियुक्तियों में वरीयता मिलने की योजना भी सरकार बना रही है। इससे उन संविदा कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा जो वर्षों से सेवा दे रहे हैं लेकिन स्थायी नौकरी नहीं पा सके।
शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मियों के लिए अतिरिक्त लाभ
शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी सेविकाओं और एएनएम को भी इस वेतन वृद्धि और बीमा योजना का लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त इन कर्मियों को हर 3 साल में मानदेय की समीक्षा, स्थानांतरण की सुविधा और सेवा पुस्तिका बनाए जाने जैसे अधिकार दिए जाएंगे।
यह घोषणा लंबे समय से वेतन वृद्धि की मांग कर रहे शिक्षामित्रों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। इससे सरकार और कर्मचारियों के बीच भरोसे की भावना भी मज़बूत होगी।
संविदा कर्मियों के लिए नई उम्मीद
उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला न केवल कर्मचारियों के आर्थिक और स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करता है, बल्कि राज्य की प्रशासनिक कार्यशैली में भी सुधार लाता है। यह कदम दिखाता है कि संविदा कर्मचारियों को अब केवल अस्थायी संसाधन नहीं, बल्कि शासन के स्थायी सहयोगी के रूप में देखा जा रहा है।